1. परिचय (Opening)
ओणम केरल का सबसे बड़ा और प्रिय त्योहार है।यह त्योहार हर्ष, समृद्धि और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है — जहाँ हर कोई, चाहे किसी भी धर्म या समुदाय का हो, मिलकर खुशियाँ मनाता है। ओणम आमतौर पर अगस्त-अक्टूबर के बीच मनाया जाता है और लगभग 10 दिनों तक चलता है।
2. ओणम का महत्त्व (Why it matters)
कृषि उत्सव: नई फसल की खुशी। लोककथा: राजा महाबली की वापसी का दिन — प्रेम और न्याय का जश्न। सांस्कृतिक एकता: मलयाली समाज की परंपराएँ — नृत्य, गीत, खेल और स्वादिष्ट भोजन। पर्यावरण और परंपरा: फूलों की सजावट, पारंपरिक व्यंजन और सामूहिक उत्सव।
3. ओणम के 10 दिनों का संक्षिप्त क्रम (Day-wise highlights)
| Onam Activities & Stories | |
|---|---|
| 👉 1–10 गतिविधियाँ | |
| 1. | लछ्छव्रत — तैयारी और घर की साफ-सफाई। |
| 2. | चल्लाकलि/अरन्धा — वस्त्रावकाश/पारंपरिक खरीदारी। |
| 3. | पुक्कलम आरम्भ — फूलों से रंगीन डिजाइन (pookalam) बनाना शुरू। |
| 4. | खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम — स्कूलों/मोहल्लों में। |
| 5. | नौका-यात्रा (Vallam Kali) — केरल की प्रसिद्ध बैकवॉटर नौकायन-दौर। |
| 6. | पुलिक्कली (शेर-नृत्य) — रंगीन (मक्खन-रंग) शेर के नृत्य वाले प्रदर्शन। |
| 7. | सद्या दिवस (Onam Sadya) — भव्य पत्ते पर परोसी जाने वाली शाकाहारी दावत। |
| 8. | थिरुवाथिरा नृत्य और लोकगीत — पारंपरिक नृत्य और भजन। |
| 9. | महाबली-स्मरण — राजा महाबली की कथाएँ और लोकगीत। |
| 10. | विसर्जन/समापन — पुक्कलम समेटना, धन्यवाद और भविष्य के लिए आशा। |
| नोट: अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ गतिविधियाँ बदल सकती हैं — पर मुख्य रूप वही रहती हैं। | |
| 👉 4. मुख्य लोककथाएँ (Stories to include) | |
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राजा महाबली की कथा — दान, भक्ति और न्याय की कहानी। वामन अवतार — विष्णुजी का रूप और तीसरे पग की घटना। फसल-उत्सव कथा — कर्किड़कम के बाद चिंगम के महीने में खुशहाली। स्थानीय पौराणिक कथाएँ — जैसे त्रिक्कक्कारा और अन्य लोककथाएँ जो स्थानीय रंग जोड़ती हैं। | |
5. पुक्कलम (Pookalam) — चरण दर चरण
| 🌸 पुक्कलम (Pookalam) बनाने के चरण | |
|---|---|
| 1. | जगह चुने (बरामदा, फर्श या आँगन)। |
| 2. | आधार-डिज़ाइन बनाएं (chalk या हल्का ड्राइंग)। |
| 3. | केंद्र से बाहर की ओर काम करें — रंग संयोजन सोचें। |
| 4. | स्थानीय ताज़े फूलों का इस्तेमाल करें (गेंदा, चम्पा, गुलाब आदि)। |
| 5. | अंतिम रूप में पत्तियाँ या नारियल के टुकड़े सजाएँ। |
| 6. | हर दिन फूल जोड़कर पैटर्न बढ़ाते रहें — यह पारंपरिक प्रक्रिया है। |
| Tip | |
| पर्यावरण-हितैषी बनें — कृत्रिम रंग न इस्तेमाल करें; फूल प्राकृतिक रखें। | |





| 6. ओणम सद्या (Onam Sadya) — मुख्य व्यंजन और त्वरित रेसिपी-नोट्स |
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सद्या में 26–40 तरह के व्यंजन होते हैं, पर यहाँ कुछ प्रमुख और सरल रेसिपी-हिंट्स: सादा चावल (Matta/Red rice) — पर्याप्त पकाएँ। सांभर — तूर दाल + सब्जियाँ + सांभर मसाला + करीपत्ता। एवियल — मिश्रित सब्जियाँ, कद्दूकस नारियल, दही और हल्दी। पयसं (Payasam) — चावल या मूंग दाल से बना मीठा, इलायची/केसर के साथ। वड़ा (Parippu Vada / Parippu) — उरद/मसूर दाल पीसकर तलें। ठोंपप्पम / अप्पम — चावल के बेस्ड नमीले पैनकेक। पापड़, अचार, पचड़ी — स्वाद संतुलित करें। परोसने का तरीका: पत्ते पर बेस से मीठे की ओर (सब्ज़ी → दाल → चटनी → मीठा) क्रम रखें — यह पारंपरिक अनुक्रम है। |
| 7. सांस्कृतिक कार्यक्रम और दर्शनीय गतिविधियाँ |
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वेल्ला रेस (नौका-दौड़ / Vallam Kali) — केरल के बैकवॉटर पर उत्साह भरी रेस। नेहरू ट्रॉफी वल्लमकली, भारत के केरल राज्य के अलाप्पुझा स्थित पुन्नमदा झील में आयोजित होने वाली एक प्रतिष्ठित वार्षिक नौका दौड़है । यह केरल के सांस्कृतिक कैलेंडर का एक प्रमुख आयोजन है, जिसका नाम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूके नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1952 में एक दौड़ से प्रभावित होकर एक ट्रॉफी दान की थी। इसका मुख्य आकर्षण विशाल सर्पाकार नौकाओं, जिन्हें चंदन वल्लमके नाम से जाना जाता है, के बीच होने वाली प्रतियोगिता है , जिन्हें सौ से ज़्यादा नाविक एक साथ चलाते हैं। पुलिक्कली — रंगरोगन शेर-नृत्य; देखने में मज़ेदार और जीवंत। कथकली/मोहिनीअट्टम — क्लासिकल डांस-ड्रामा (जहाँ संभव हो)। स्थानीय मेला और खेल — शिल्प, संगीत और पारंपरिक खेल (like tug of war)। |
| 8. घर पर मनाने के लिए सरल प्लान (For viewers who want to celebrate at home) |
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Step-by-step एक छोटा-सा प्लान: 1. घर की सफाई और हल्की सजावट। 2. छोटा पुक्कलम बनाएं (फूल कम हों तो भी चलेगा)। 3. पारंपरिक कपड़े — पुरुष: मुण्डु/धोती, महिलाएँ: साड़ी या सूट। 4. सरल सद्या — 8–10 आइटम का छोटा मेनू (चावल, सांभर, एवियल, वड़ा, पापड़, अचार, पयसं)। 5. पारिवारिक गतिविधियाँ: लोकगीत, पेंटिंग, और बच्चों के लिए पुलिक्कली-स्टाइल फेस-पेंट। 6. दोस्तों/परिवार के साथ ऑनलाइन/ऑफलाइन मिल कर वेल्ला-वीडियो देखें या साझा करें। |
| 9. बच्चों और विद्यालय-स्तर की गतिविधियाँ |
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पुक्कलम प्रतियोगिता (टीम बनाकर)। ओणम-थीम पोस्टर और नाटक (महाबली की कहानी पर छोटा नाटक)। कुकिंग-क्लास — बच्चों को एक सरल सद्या आइटम बनवाएँ। लघु-क्विज़/MCQ — ओणम से जुड़े प्रश्न (मज़ेदार और शिक्षाप्रद)। |
| 10. फोटोग्राफी और सोशल-शेयरिंग टिप्स |
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सुबह का नरम प्रकाश सबसे अच्छा होता है — पुक्कलम के पास फोटो लें। सद्या का क्लोज-अप लें— पत्ते, रंग और टेक्सचर दिखाएँ। हैशटैग सुझाव: #Onam, #Pookalam, #OnamSadya (यदि सोशल पर साझा कर रहे हों)। पारंपरिक पोशाक में परिवार का ग्रुप-शॉट लें — vertical और horizontal दोनों लें। |
| 11. सुरक्षा और पर्यावरण सुझाव |
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इको-फ्रेंडली फूल और बायोडिग्रेडेबल सजावट का उपयोग करें। रासायनिक रंगों से बचें; बच्चों की पेंटिंग में सुरक्षित, वॉशेबल रंग इस्तेमाल करें। बड़ी सभाओं में भोजन सुरक्षित रूप से स्टोर करें और बचा हुआ भोजन जरूरतमंदों को दें। |
| 12. छोटे-छोटे तथ्य (Fun facts / Viewer hooks) |
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ओणम सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं — यह केरल की सांस्कृतिक पहचानों का उत्सव है। सद्या में पारंपरिक रूप से हाथ से खाना अधिक सम्मानित माना जाता है। वेल्ला रेस में प्रतिभागी सामाजिक समन्वय और टीम-वर्क का बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हैं। |
| संक्षिप्त सारांश (Summary) |
| ओणम केरल का 10-दिन चलने वाला प्रमुख harvest-त्योहार है जो राजा महाबली की कथाओं, नई फसल की खुशियों, और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है। इसे पुक्कलम (फूलों की सजावट), पुलिक्कली और वेल्ला रेस जैसी गतिविधियों के साथ मनाया जाता है, और ओणम सद्या (भव्य शाकाहारी दावत) इसका केंद्रीय आकर्षण है। घर पर मनाने के लिए छोटे-से-छोटे कदम — पुक्कलम बनाना, पारंपरिक पोशाक, और एक सरल सद्या — भी बड़े उत्साह से किया जा सकता है। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए और स्थानीय परंपराओं को समृद्ध करके यह त्योहार सभी के लिए आनंददायक बनता है। |
